Thursday, 19 January 2017

# Jag Ghoomeya / जग घूमेया ( Female Version)




चित्रपट / एल्बम : सुल्तान (2016)
संगीतकार : विशाल-शेखर
गीतकार : इरशाद कामिल
गायिका : नेहा भसिन

ना वो अखियाँ रुहानी कहीं
ना वो चेहरा नूरानी कहीं
कहीं दिल वाली बातें भी ना
ना वो सजरी जवानी कहीं
जग घूमेया, थारे जैसा ना कोई
ना तो हँसना रुमानी कहीं
ना तो खुश्बू सुहानी कहीं
ना तो रंगली अदायें देखी
ना वो प्यारी सी नादानी कहीं
जैसी तू है वैसी रैणा
जग घूमेया, थारे जैसा ना कोई...

बारिशों के मौसमों की भीगी हरियाली तू
सर्दियों में गालों पे जो आती मेरे लाली तू
रातों का सुकूँ
रातों का सुकूँ भी है, सुबह की अज़ान है
चाहतों की चादरों में, करे रखवाली तू
कभी हक़ सारे रखता है
कभी समझे बेगानी कहीं
तू तो जाणता है मर के भी
मुझे आती है निभाणी कहीं
वो ही करना है जो है कैणा
जग घूमेया, थारे जैसा ना कोई...

अपणे नसीबों में या हौंसले की बातों में
सुखों और दुखों वाली सारी सौगातों में
संग तुझे रखना है
संग तुझे रखना है, तेरे संग रहना
मेरी दुनिया में भी, मेरे जज़्बातों में
तेरी मिलती निशानी कहीं
जो है सबको दिखानी कहीं
मैं तो जाणती हूँ मर के भी
तुझे आती है निभाणी कहीं
वो ही करना है जो है कैणा
जग घूमेया, थारे जैसा ना कोई...

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