Wednesday, 18 January 2017

# Kuch Na Kaho /कुछ ना कहो




चित्रपट/ एल्बम : 1942 अ लव स्टोरी (1994)
संगीतकार : आर.डी.बर्मन
गीतकार : जावेद अख्तर
गायक : कुमार सानू


कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो
क्या कहना है, क्या सुनना है
मुझको पता है, तुमको पता है
समय का ये पल थम सा गया है
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूँ, बस एक तुम हो
कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो

(कितने गहरे हलके, शाम के रंग है छलके
पर्वत से यूँ उतरे बादल, जैसे आँचल ढलके) 2
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूँ, बस एक तुम हो
कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो

(सुलगी सुलगी साँसें, बहकी बहकी धड़कन
महके महके शाम के साए, पिघले पिघले तनमन) 2
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूँ, बस एक तुम हो
Ends with music 

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