Sunday, 29 January 2017

# Ye Kaali Kaali Aankhein / ये काली काली आँखें



चित्रपट / एल्बम :बाज़ीगर (1993)
संगीतकार : अनु मलिक
गीतकार : रानी मलिक
गायक एवं गायिका :कुमार सानू, अनु मलिक


ये काली काली आँखें ये गोरे गोरे गाल
ये तीखी तीखी नज़रें ये हिरनी जैसी चाल
देखा जो तुझे जानम हुआ है बुरा हाल
ये काली काली आँखें...

मैं मिला, तू मिली, तू मिली, मैं मिला
मैं मिला, तू मिली, तू मिली, मैं मिला, दुनिया जले तो जले
प्यार करेंगे तुझपे मरेंगे, धक धक दिल ये करे

उफ़ तेरी दिल्लगी दिल को जलाने लगी
दिलरुबा तू मुझे नखरें दिखाने लगी
गैरों की बाहों में इठला के जाने लगी
ये तेरी बेरुखी मुझको सताने लगी
छोड़ो जी छोड़ो सनम, ज़िद अपनी छोड़ो सनम
नाज़ुक है दिल ये मेरा, दिल को न तोड़ो सनम
ये लम्बी लम्बी रातें, आ कर ले मुलाकातें
जाने क्यों दिल ये मेरा, तेरा ही होना चाहे
गुस्से में लाल ना कर, ये गोरे गोरे गाल
ये काली काली आँखें...

न तू कर खटपट, कर प्यार झटपट
मेरे आजा तू निकट, काटूँ प्यार का टिकट
न तू जुल्फें झटक, न तू पैर पटक
अरे ऐसे न मटक, दिल गया है भटक

चेहरे पे तेरे सनम, लैला की हैं शोखियां
हीर से बढ़के हैं, आँखों की ये मस्तियां
जूलियट की तरह होंठों पे हैं सुर्खियां
देख ले खुद को तू, नज़र से मेरी जान-ए-जां
देखी जो तेरी अदा, मैं फ़िदा हो गया
सीने से लग जा ज़रा, जीने का आए मज़ा
ये बिखरी बिखरी ज़ुल्फ़ें, ये झुकी झुकी पलकें
ये गोरी गोरी बाहें, हम क्यों न तुम्हें चाहें
ऐसा तो हमने पहले, देखा नहीं कमाल
ये काली काली आँखें...

No comments:

Post a Comment