चित्रपट / एल्बम : मर्यादा (1971)
संगीतकार : कल्याणजी आनंदजी
गीतकार : आनंद बख्शी
गायक एवं गायिका : मुकेश
ज़ुबां पे दर्द भरी दास्ताँ चली आई
बहार आने से पहले खिज़ा चली आई
खुशी की चाह में मैंने उठाये रंज बड़े
मेरा नसीब के मेरे कदम जहाँ भी पड़े
ये बदनसीबी मेरी भी वहाँ चली आई
ज़ुबां पे दर्द भरी...
उदास रात है, वीरान दिल की महफ़िल है
ना हमसफ़र है कोई, और ना कोई मंज़िल है
ये ज़िन्दगी मुझे लेकर कहाँ चली आई
ज़ुबां पे दर्द भरी...
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