Thursday, 2 February 2017

# Maine Chand Aur Sitaron Ki /मैंने चाँद और सितारों की



चित्रपट / एल्बम :चन्द्रकान्ता (1956)
संगीतकार :एन दत्ता
गीतकार : साहिर लुधियानवी
गायक  : मो. रफ़ी

मैंने चाँद और सितारों की तमन्ना की थी
मुझको रातों की सियाही के सिवा कुछ ना मिला
मैंने चाँद और सितारों की...

मैं वो नग़मा हूँ जिसे प्यार की महफ़िल ना मिली
वो मुसाफ़िर हूँ जिसे कोई भी मंज़िल ना मिली
ज़ख़्म पाएँ हैं, बहारों की तमन्ना की थी
मैंने चाँद और सितारों की...

किसी गेसू, किसी आँचल का सहारा भी नहीं
रास्ते में कोई धुँधला सा सितारा भी नहीं
मेरी नज़रों ने नज़ारों की तमन्ना की थी
मैंने चाँद और सितारों की...

मेरी राहों से जुदा हो गई राहें उनकी
आज बदली नज़र आती हैं निगाहें उनकी
जिनसे इस दिल ने सहारों की तमन्ना की थी
मैंने चाँद और सितारों की...

प्यार माँगा तो सिसकते हुए अरमान मिले
चैन चाहा तो उमड़ते हुए तूफ़ान मिले
डूबते दिल ने किनारों की तमन्ना की थी
मैंने चाँद और सितारों की...

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