Thursday, 2 February 2017

# O Haseena Zulfon Waali /ओ हसीना जुल्फों वाली



चित्रपट / एल्बम :तीसरी मंज़िल (1966)
संगीतकार : आर.डी.बर्मन
गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी
गायक एवं गायिका :मो.रफ़ी, आशा भोंसले

ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली जान-ए-जहां
ढूँढती हैं काफ़िर आँखें किसका निशां
महफ़िल महफ़िल ऐ शमा फिरती हो कहाँ
वो अन्जाना ढूँढती हूँ
वो दीवाना ढूँढती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूँढती हूँ

गर्म है, तेज़ है, ये निगाहें मेरी
काम आ, जाएँगी सर्द, आहें मेरी
तुम किसी, राह में, तो मिलोगे कहीं
अरे इश्क़ हूँ, मैं कहीं ठहरता ही नहीं
मैं भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता है
मेरा भी जादू जवां
ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली...

छिप रहे, है ये क्या, ढंग है आपका?
आज तो, कुछ नया, रंग है आपका
हाय, आज की, रात मैं, क्या से क्या हो गयी
आहा, आपकी सादगी, तो भला हो गयी
मैं भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता है
मेरा भी जादू जवां
ओ हसीना ज़ुल्फ़ों...

ठहरिये, तो सही, कहिये क्या नाम है
मेरी बदनामियों, का वफ़ा नाम है
ओहो! क़त्ल कर के चले, ये वफ़ा खूब है
हाय नादां तेरी, ये अदा खूब है
मैं भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता है
मेरा भी जादू जवां
ओ हसीना ज़ुल्फ़ों...

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