चित्रपट / एल्बम : क़यामत से क़यामत तक (1988)
संगीतकार : आनंद मिलिंद
गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी
गायक एवं गायिका : उदित नारायण, अल्का याग्निक
ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इन्तज़ार
सुन सदाएं, दे रही हैं, मंज़िल प्यार की
ऐ मेरे हमसफ़र...
अब है जुदाई का मौसम, दो पल का मेहमां
कैसे ना जाएगा अंधेरा, क्यूँ ना थमेगा तूफां
कैसे ना मिलेगी, मंजिल प्यार की
ऐ मेरे हमसफ़र...
प्यार ने जहाँ पे रखा है, झूम के कदम इक बार
वहीं से खुला है कोई रस्ता, वहीं से गिरी है दीवार
रोके कब रुकी है, मंज़िल प्यार की
ऐ मेरे हमसफ़र...
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