Sunday, 29 January 2017

# Gazab Ka Hai Din / ग़ज़ब का है दिन

Gazab Ka Hai Din / ग़ज़ब का है दिन

चित्रपट / एल्बम : क़यामत से क़यामत तक (1988)
संगीतकार : आनंद मिलिंद
गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी
गायक एवं गायिका : उदित नारायण, अल्का याग्निक

ग़ज़ब का है दिन, सोचो ज़रा
ये दीवानापन, देखो ज़रा
तुम हो अकेले, हम भी अकेले
मज़ा आ रहा है, क़सम से
ग़ज़ब का है दिन...

देख लो हमको करीब से
आज हम मिले हैं नसीब से
ये पल फिर कहाँ
और ये मंज़िल फिर कहाँ
ग़ज़ब का है दिन... 

क्या कहूँ, मेरा जो हाल है
रात दिन, तुम्हारा खयाल है
फिर भी, जान-ए-जां 
मैं कहाँ और तुम कहाँ
ग़ज़ब का है दिन...

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