चित्रपट / एल्बम : हिमालय की गोद में (1965)
संगीतकार : कल्याणजी आनंदजी
गीतकार : आनंद बख्शी
गायक : मुकेश
चाँद सी महबूबा हो मेरी, कब ऐसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिल्कुल वैसी हो, जैसा मैंने सोचा था
ना कसमें हैं ना रस्में हैं, ना शिकवे हैं ना वादे हैं
एक सूरत भोली भाली है, दो नैना सीधे साधे हैं
ऐसा ही रूप ख्यालों में था, ऐसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिल्कुल वैसी...............................
मेरी खुशियाँ ही ना बांटे, मेरे गम भी सहना चाहे
देखे ना ख्वाब वो महलों के, मेरे दिल में रहना चाहे
इस दुनिया में कौन था ऐसा, जैसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिल्कुल वैसी..................................
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