Tuesday, 24 January 2017

# Dekha Ek Khwaab /देखा एक ख्वाब



चित्रपट / एल्बम :  सिलसिला (1981)
संगीतकार : हरिप्रसाद चौरसिया, शिव कुमार शर्मा
गीतकार : जावेद अख्तर
गायक एवं गायिका : किशोर कुमार, लता मंगेशकर


किशोर:(देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
         दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए) - २
लता : ये गिला है आपकी निगाहों से
         फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए
किशोर:(देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
          दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए) - २

किशोर: मेरी साँसों में बसी खुशबू तेरी
लता :ये तेरे प्यार की है जादूगरी हा हा हा 
किशोर: तेरी आवाज़ है हवाओं में
लता:प्यार का रंग है फिजाओं
किशोर: धडकनों में तेरे गीत हैं मिले हुए
लता :क्या कहूँ की शर्म से हैं लब सिले हुए
किशोर: देखा एक ख्वाब तो...
लता : फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए

लता :मेरा दिल है तेरी पनाहों में
किशोर: आ छुपा लूँ तुझे मैं बाहों में
लता :तेरी तस्वीर है निगाहों में
किशोर:  दूर तक रौशनी है राहों में
लता :कल अगर ना रौशनी के काफिले हुए
किशोर:  प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए
          देखा एक ख्वाब तो...
         दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए

लता : ये गिला है आपकी निगाहों से
         फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए

 दोनों : देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
         दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए

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