चित्रपट / एल्बम : सिलसिला (1981)
संगीतकार : हरिप्रसाद चौरसिया, शिव कुमार शर्मा
गीतकार : जावेद अख्तर
गायक एवं गायिका : किशोर कुमार, लता मंगेशकर
किशोर:(देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए) - २
लता : ये गिला है आपकी निगाहों से
फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए
किशोर:(देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए) - २
किशोर: मेरी साँसों में बसी खुशबू तेरी
लता :ये तेरे प्यार की है जादूगरी हा हा हा
किशोर: तेरी आवाज़ है हवाओं में
लता:प्यार का रंग है फिजाओं
किशोर: धडकनों में तेरे गीत हैं मिले हुए
लता :क्या कहूँ की शर्म से हैं लब सिले हुए
किशोर: देखा एक ख्वाब तो...
लता : फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए
लता :मेरा दिल है तेरी पनाहों में
किशोर: आ छुपा लूँ तुझे मैं बाहों में
लता :तेरी तस्वीर है निगाहों में
किशोर: दूर तक रौशनी है राहों में
लता :कल अगर ना रौशनी के काफिले हुए
किशोर: प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए
देखा एक ख्वाब तो...
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए
लता : ये गिला है आपकी निगाहों से
फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए
दोनों : देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए
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