चित्रपट / एल्बम : सूरज (1966)
संगीतकार : शंकर-जयकिशन
गीतकार : शैलेन्द्र
गायक : शारदा
तितली उड़ी, उड़ जो चली
फूल ने कहा, आजा मेरे पास
तितली कहे, मैं चली आकाश
खिले हैं गगन में, तारों के जो फूल
वहीं मेरी मंज़िल, कैसे जाऊँ भूल
जहाँ नहीं बंधन, ना कोई दीवार
जाना है मुझे वहाँ, बादलों के पार
तितली उड़ी, उड़ जो चली…
फूल ने कहा, तेरा जाना है बेकार
कौन है वहाँ जो करे तेरा इंतज़ार
बोली तितली, दोनों पंख पसार
वहाँ पे मिलेगा मेरा राजकुमार
तितली उड़ी, उड़ जो चली…
तितली ने पूरी जब कर ली उड़ान
नई दुनिया में हुई नई पहचान
मिला उसे सपनों का राजकुमार
तितली को मिल गया मनचाहा प्यार
तितली उड़ी, उड़ जो चली…
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