चित्रपट/एल्बम : पारसमणी (1963)
संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
गीतकार : असद भोपाली
गायक /गायिका : मो.रफी लता मंगेशकर (युगल गीत)
वो जब याद आए बहुत याद आए
गम-ए-जिंदगी के अंधेरे में हमने
चिराग-ए-मुहब्बत जलाए बुझाए
आहटें जाग उठीं रास्ते हंस दिए
थामकर दिल उठे हम किसी के लिए
कई बार ऐसा भी धोखा हुआ है
चले आ रहे हैं वो नज़रें झुकाए
वो जब याद आए...
दिल सुलगने लगा अश्क बहने लगे
जाने क्या-क्या हमें लोग कहने लगे
मगर रोते-रोते हँसी आ गई है
ख्यालों में आ के वो जब मुस्कुराए
वो जब याद आए...
वो जुदा क्या हुए ज़िन्दगी खो गई
शम्मा जलती रही रोशनी खो गई
बहुत कोशिशें कीं मगर दिल ना बहला
कई साज़ छेड़े कई गीत गाए
वो जब याद आए...
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