Monday 21 August 2017

# Humko Tumse Ho Gaya Hai Pyar /हमको तुमसे हो गया है प्यार


चित्रपट/ एल्बम: अमर अकबर ऐंथनी (1977)
संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
गीतकार : आनंद बख़्शी 
गायक एवं गायिका : किशोर कुमार, लता मंगेशकर,मुकेश, मो.रफ़ी

किशोर : देख के तुमको दिल डोला है
            गॉड प्रॉमिस हम सच बोला है
            ओ हमको तुमसे, हो गया है प्यार क्या करें
            बोलो तो जिएँ, बोलो तो मर जाएँ
            हमको तुमसे, हो गया है प्यार क्या करें
           बोलो तो जिएँ, बोलो तो, मर जाएँ
लता :   हमको तुमसे, हो गया है प्यार क्या करें
           बोलो तो जिएँ, बोलो तो मर जाएँ
           हो गया है प्यार क्या करें

किशोर : कभी बोलूँ मैं कभी बोले तू , आई लव यू 
लता  :  लव यू लव यू 
किशोर : लव यू ,आई लव यू 
लता : लव यू लव यू 
        मैंने तुमपे, तुमने मुझपे, कर दिया जादू ,आई लव यू 
किशोर : लव यू. लव यू 
लता :आई लव यू.......
किशोर : अब तक छुपाए रखा, शोला दबाए रखा
लता :अब तक छुपाए रखा, शोला दबाए रखा
किशोर : राज़ ये हमने अब खोला है, गॉड प्रॉमिस हम सच बोला है 
ओ हमको तुमसे, हो गया है प्यार क्या करें
किशोर + लता : बोलो तो जिएँ, बोलो तो मर जाएँ
                     हमको तुमसे, हो गया है प्यार क्या करें

लता : हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ ............
        हमको तुमसे, हो गया है प्यार क्या करें
        बोलो तो जिएँ, बोलो तो मर जाएँ
       हमको तुमसे, हो गया है प्यार क्या करें

मुकेश : तेरे संग जीवन की डोर बँधी है
लता :  चुप चुप संग डोलूं, 
लता + मुकेश : ओवरलैपिंग (लता - कैसे मैं ये बोलूं , मुकेश - मैं सपनों का सागर) तू प्रेम नदी है
मुकेश : अब तक छुपाए रखा , शोला दबाए रखा 
लता : अब तक छुपाए रखा , शोला दबाए रखा 
मुकेश : चाँद-चकोरी ज्यूँ दुनिया में
           राम क़सम तू रहे जिया में
           हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या करें 
लता + मुकेश :   हमको तुमसे, हो गया है प्यार क्या करें
                       बोलो तो जिएँ, बोलो तो मर जाएँ
                      हमको तुमसे, हो गया है प्यार क्या करें

रफ़ी :  दिल में दिलबर तू रहता है
          ख़ुदा ग़वाह हम सच कहता है
          हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या करें
रफ़ी +लता : बोलो तो जिऐं बोलो तो मर जाऐं
                 हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या करें
रफ़ी : एक तो अकबर का कलाम
       उसमें शामिल तेरा नाम
       दो लफ़्ज़ों में करता हूँ
      मुख़्तसर किस्सा तमाम
      मैं शायर हूँ, मेरा है वास्ता हसीनों से
     तेरी फ़ुर्क़त में मैं सोया नहीं महीनों से
 लता : नहीं करते ये बातें परदानशीनों से
          सर-ए-बाज़ार छोड़ो छेड़ महज़बीनों से
रफ़ी : हो ऐ अब तक छुपाए रखा 
        शोला दबाऐ रखा 
लता : अब तक छुपाए रखा 
        शोला दबाऐ रखा 
रफ़ी : हुस्न हमेशा रूठा रहता है
        ख़ुदा ग़वाह हम सच कहता है
        हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या करें 
रफ़ी + लता : बोलो तो जिऐं बोलो तो मर जाऐं
          हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या करें 

किशोर +लता : बोलो तो जिऐं बोलो तो मर जाऐं
लता +मुकेश : हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या करें 
रफ़ी + लता : बोलो तो जिऐं बोलो तो मर जाऐं
किशोर + लता : हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या करें (मंद गति में)