Friday, 20 January 2017

# Panchhi Banoon Udti Firoon / पंछी बनूँ उड़ती फिरूं

Panchhi Banoon Udti Firoon /  पंछी बनूँ उड़ती फिरूं

चित्रपट / एल्बम : चोरी चोरी (1956)
संगीतकार  : शंकर जयकिशन
गीतकार : हसरत जयपुरी
गायिका :लता मंगेशकर और समूह


(पंछी बनूँ उड़ती फिरूं मस्त गगन में
आज मैं आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में) २ 

समूह : हिल्लोरी...हिल्लो हिल्लो हिल्लोरी  
          हिल्लोरी...हिल्लो हिल्लो हिल्लोरी  

समूह :  ओ ओ ओ ओ हो हो हो हो हो ओ ओ ओ 
लता :   ओ मेरे जीवन में चमका सवेरा
           ओ मिटा दिल से वो गम  का अन्धेरा
           ओ हरे खेतों में गाए कोई लहरा
           ओ यहाँ दिल पर किसी का न पैरा (पहरा)
           रंग बहारों ने भरा मेरे जीवन में
           आज मैं आज़ाद...
          पंछी बनूँ उड़ती फिरूं मस्त गगन में
          आज मैं आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में 

समूह :  ओ ओ ओ ओ हो हो हो हो हो आ आ आ 

लता : ओ दिल ये चाहे बहारों से खेलूं
        ओ गोरी नदिया की धारों से खेलूं
        ओ चाँद सूरज सितारों से खेलूं
        ओ अपनी बाहों में आकाश ले लूं
        बढ़ती चलूँ गाती चलूँ अपनी लगन में
       आज मैं आज़ाद...
       पंछी बनूँ उड़ती फिरूं मस्त गगन में
       आज मैं आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में 

समूह : हिल्लोरी...हिल्लो हिल्लो हिल्लोरी  
          हिल्लोरी...हिल्लो हिल्लो हिल्लोरी  

समूह :  ओ ओ ओ ओ हो हो हो हो हो आ आ आ 


लता : ओ मैं तो ओढूँगी बादल का आँचल
         ओ मैं तो पहनूंगी बिजली की पायल
         ओ छीन लूंगी घटाओं से काजल
         ओ मेरा जीवन है नदिया की हलचल
         दिल से मेरे लहरें उठे ठंडी पवन में
         आज मैं आज़ाद...
        (पंछी बनूँ उड़ती फिरूं मस्त गगन में
        आज मैं आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में) २ 

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