Thursday, 2 February 2017

# Aise To Na Dekho /ऐसे तो न देखो

चित्रपट / एल्बम :तीन देवियाँ (1965)
संगीतकार :  एस.डी.बर्मन
गीतकार :  मजरूह सुल्तानपुरी
गायक  :मो.रफ़ी

ऐसे तो न देखो, के हमको नशा हो जए
ख़ूबसूरत सी कोई हमसे ख़ता हो जाए
ऐसे तो न देखो

तुम हमें रोको फिर भी हम ना रुकें
तुम कहो काफ़िर फिर भी ऐसे झुकें
क़दम-ए-नाज़ पे इक सजदा अदा हो जाये
ऐसे तो न देखो...

यूँ न हो आँखे रहें काजल घोलें
बढ़के बेखुदी हंसीं गेसू खोलें
खुल के फिर ज़ुल्फ़ें सियाह काली बला हो जाये
ऐसे तो न देखो...

हम तो मस्ती में जाने क्या-क्या कहें
लब-ए-नाज़ुक से ऐसा न हो तुम्हें
बेक़रारी का गिला हमसे सिवा हो जाये
ऐसे तो न देखो...

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