Saturday 3 February 2018

Do naina matware tihare /दो नैना मतवारे तिहारे


चित्रपट/ एल्बम : माई सिस्टर (१९४४)
संगीतकार : पंकज मल्लिक
गीतकार : पं. भूषण
गायक : कुंदन लाल सैगल

दो नैना मतवारे तिहारे,  (हम पर जुलुम  करे)- 2
दो नैना मतवारे तिहारे,  (हम पर जुलुम करे )- 2

(नैनों में रहे तो, सुध बुध खोये) - २
छिपे तो , छिपे तो चैन हरे
दो नैना, दो नैना मतवारे तिहारे, (हम पर जुलुम करे)- 2

तन तन के चलाए तीर, नस नस में  नस नस में  उठाए पीर 
तन तन के चलाए तीर, नस नस में  उठाए पीर
मदभरे रसीले निठुर बड़े, न डरे न धीर धरे
दो नैना मतवारे तिहारे,  (हम पर जुलुम  करे)- 2

जब होती हो,जब होती हो तुम उस पार,
मन की,मन की बीणा के बज उठते हैं ज़ोर ज़ोर से तार
मन की,मन की बीणा  के बज उठते हैं ज़ोर ज़ोर से तार 
पास आईं , पास आईं तो ऐसे फूल गए, पलछिन में, पलछिन में सब कुछ भूल गए
पास आईं तो ऐसे फूल गए, पलछिन मेंसब कुछ भूल गए
खुशियों के सोते उबल पड़े, हर अंग में  रंग भरे
दो नैना मतवारे तिहारे  (हम पर जुलुम करे)- 2

शब्दार्थ :
मतवारे=मतवाले
जुलुम=ज़ुल्म
सुध बुध =होश
तिहारे = तेरे
छिपे = छुपे
बीणा = वीणा
पलछिन =समय का बहुत छोटा हिस्सा ,पल, क्षण

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