चित्रपट / एल्बम :दिल भी तेरा हम भी तेरे (1960)
संगीतकार : कल्याणजी-आनंदजी
गीतकार : शमीम जयपुरी
गायक एवं गायिका : मुकेश, लता मंगेशकर
मुझको इस रात की तनहाई में आवाज़ न दो
जिसकी आवाज़ रुला दे मुझे वो साज़ न दो
मुकेश :रौशनी हो न सकी दिल भी जलाया मैंने
तुमको भूला ही नहीं लाख भुलाया मैंने
मैं परेशां हूँ मुझे और परेशां न करो
आवाज़ न दो
किस कदर जल्द किया मुझसे किनारा तुमने
कोई भटकेगा अकेला ये न सोचा तुमने
छुप गए हो तो मुझे याद ही आया न करो
आवाज़ न दो
लता :मैंने अब तुमसे न मिलने की कसम खाई है
क्या खबर तुमको मेरी जान पे बन आई है
मैं बहक जाऊँ कसम खाके तुम ऐसा न करो
आवाज़ न दो...
दिल मेरा डूब गया आस मेरी टूट गई
मेरे हाथों ही से पतवार मेरी छूट गई
अब मैं तूफां में हूँ साहिल से इशारा न करो
आवाज़ न दो...
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