चित्रपट / एल्बम : सज़ा (1951)
संगीतकार : एस.डी.बर्मन
गीतकार : राजेंद्र कृष्ण
गायिका : लता मंगेशकर
धक, धक, धक, जिया करे धक
अँखियों में अँखियाँ डाल के ना तक
सुनो री ओ गोरी, तूने चोरी चोरी
दिल की कहानी, आँखों की ज़बानी
कह दी बलम से, अपने सनम से
झुकी-झुकी अँखियों से होता है शक
अँखियों में अँखियाँ...
यूं ना शरमाओ जी, ज़रा खुल जाओ जी
छोड़ो जी छोड़ो, मुखड़ा ना मोड़ो
हमसे भी थोड़ी-थोड़ी अँखियाँ मिलाओ जी
देखें भला करोगे ये ज़िद कब तक
अँखियों में अँखियाँ...
सच सच कहो बात! कहो बात!
कैसी हुई मुलाक़ात? मुलाक़ात?
जानते हो कब से?
तबसे की अब से
हमसे छुपाओगे तो बच के ना जाओगे
आगे तुम, पीछे हम, जाओगे थक
अँखियों में अँखियाँ...
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