चित्रपट / एल्बम: मुग़ल-ए-आज़म (1960)
संगीतकार : नौशाद अली
गीतकार : शकील बदायुनी
गायिका :लता मंगेशकर
हमें काश तुमसे मुहब्बत न होती
कहानी हमारी हक़ीकत न होती
न दिल तुमको देते, न मजबूर होते
न दुनिया, न दुनिया के दस्तूर होते
क़यामत से पहले क़यामत न होती
हमें काश तुमसे मुहब्बत...
हमीं बढ़ गये इश्क़ में हद से आगे
ज़माने ने ठोकर लगायी तो जागे
अगर मर भी जाते तो हैरत न होती
हमें काश तुमसे मोहब्बत...
तुम्हीं फूँक देते नशेमन हमारा
मुहब्बत पे एहसान होता तुम्हारा
ज़माने से कोई शिकायत न होती
हमें काश तुमसे मोहब्बत...
Very nice song
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