Thursday 2 February 2017

# Lakhon Hain Nigaah Mein /लाखों हैं निगाह में


चित्रपट / एल्बम :फ़िर वही दिल लाया हूँ (1963)
संगीतकार :ओ.पी.नैय्यर
गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी
गायक :मो.रफ़ी

लाखों हैं निगाह में, ज़िन्दगी की राह में
सनम हसीन जवाँ
होठों में गुलाब है, आँखों में शराब है
लेकिन वो बात कहाँ

लट है किसी की जादू का जाल
रंग डाले दिल पे किसी का जमाल
तौबा ये निगाहें, के रोकती है राहें
देखो ले लेके तीर कमान
लाखों हैं निगाह में...

जानूं ना दीवाना मैं दिल का
कौन है ख्यालों की मलिका
भीगी-भीगी रुत की छाओं तले
मान लो कहीं वो आन मिले
कैसे पहचानूँ, कि नाम नहीं जानूँ
किसे ढूँढे मेरे अरमां
लाखों हैं निगाह में...

कभी-कभी वो एक माहजबीं
डोलती है दिल के पास कहीं
के हैं जो यही बातें, तो होंगी मुलाकातें
कभी यहाँ नहीं तो वहाँ
लाखों हैं निगाह में...

No comments:

Post a Comment