Thursday 2 February 2017

# Ye Raatein Ye Mausam Nadi Ka Kinara /ये रातें ये मौसम नदी का किनारा


चित्रपट / एल्बम :दिल्ली का ठग (1958)
संगीतकार :रवि
गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी
गायक एवं गायिका :किशोर कुमार,आशा भोंसले

ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा
कहा दो दिलों ने, कि मिलकर कभी हम, ना होंगे जुदा

ये क्या बात है, आज की चाँदनी में
के हम खो गये, प्यार की रागनी में
ये बाहों में बाहें, ये बहकी निगाहें
लो आने लगा ज़िन्दगी का मज़ा
ये रातें, ये मौसम...

सितारों की महफ़िल ने करके इशारा
कहा अब तो सारा जहां है तुम्हारा
मोहब्बत जवां हो, खुला आसमां हो
करे कोई दिल आरजू और क्या
ये रातें, ये मौसम...

कसम है तुम्हें, तुम अगर मुझ से रूठे
रहे सांस जब तक ये बंधन ना टूटे
तुम्हें दिल दिया है, ये वादा किया है
सनम मैं तुम्हारी रहूंगी सदा
ये रातें, ये मौसम...

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