चित्रपट / एल्बम :मेरी सूरत तेरी आँखें (1963)
संगीतकार : एस.डी.बर्मन
गीतकार : शैलेन्द्र
गायक एवं गायिका :मो.रफ़ी
नाचे मन मोरा मगन तिक-दा-धीगी-धीगी
बदरा घिर आए, रुत है भीगी-भीगी
नाचे मन-मोरा मगन...
कुहू के कोयलिया, कहीं दूर पपीहा पुकारे
झूला झूलें सखियाँ, कि घर आजा बालम हमारे
घिर आए, बदरा घिर आए, रुत है भीगी-भीगी
नाचे मन-मोरा मगन...
यहीं रुक जाए, ये शाम आज ढलने ना पाए
टूटे ना ये सपना, कोई अब मुझे ना जगाए
घिर आए, बदरा घिर आए, रुत है भीगी-भीगी
नाचे मन-मोरा मगन...
छुप-छुप ऐसे में, कोई मधुर गीत गाए
गीतों के बहाने, छुपी बात होंठों पे आए
घिर आए, बदरा घिर आए, रुत है भीगी-भीगी
नाचे मन-मोरा मगन...
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