चित्रपट / एल्बम :उजाला (1959)
संगीतकार :शंकर-जयकिशन
गीतकार : शैलेन्द्र
गायक : मो.रफ़ी, मुकेश
यारों सूरत हमारी पे मत जाओ
यहाँ भी दिल है यूँ हमसे न कतराओ
यारों सूरत हमारी...
हम भी हैं दिल के शाहेजहान
प्यार पे सब कुछ है क़ुर्बान
ज़रा सी है ग़रीबी, ये ही है कमनसीबी
के उनसे अभी न हुई पहचान
यारों सूरत हमारी...
आपकी दौलत ज़िन्दाबाद
आपकी जेबें ज़िन्दाबाद
ईमान की कहेंगे, कहेंगे फिर कहेंगे
के पेट ये पापी मुर्दाबाद
यारों सूरत हमारी...
जाने कैसा है ये जहान
जीना मुश्किल, मौत आसान
हम फिर भी जी रहे हैं, ज़ख़्मों को सी रहे हैं
ये आप सबों का है एहसान
यारों सूरत हमारी...
No comments:
Post a Comment