चित्रपट / एल्बम :आह (1953)
संगीतकार :शंकर-जयकिशन
गीतकार : शैलेन्द्र
गायिका :लता मंगेशकर
ये शाम की तनहाईयाँ, ऐसे में तेरा गम
पत्ते कहीं फड़के, हवा आयी तो चौंके हम
जिस राह से तुम आने को थे
उस के निशां भी मिटने लगे
आये ना तुम सौ-सौ दफ़ा
आये गये मौसम
ये शाम की तनहाईयाँ...
सीने से लगा तेरी याद को
रोती रही मैं रात को
हालत पे मेरे चाँद तारे
रो गये शबनम
ये शाम की तनहाईयाँ...
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