चित्रपट / एल्बम: जागते रहो (1956)
संगीतकार : सलिल चौधरी
गीतकार : शैलेन्द्र
गायिका :लता मंगेशकर
जब उजियारा छाये
मन का अन्धेरा जाये
किरनों की रानी गाये
जागो हे, मेरे मन, मोहन प्यारे
जागी जागी रे सब कलियाँ जागी
नगर नगर सब गालियाँ जागी
जागी रे जागी रे जागी रे...
जागो मोहन प्यारे, जागो
नव युग चूमे नैन तिहारे
जागो, जागो मोहन प्यारे
जागी जागी रे सब कलियाँ जागी
नगर नगर सब गालियाँ जागी
जागी रे जागी रे जागी रे...
भीगी-भीगी अँखियों से मुसकाये
ये नई भोर तोहे अंग लगाये
बाहें फैला ओ दुखियारे
जागो मोहन प्यारे...
जिसने मन का दीप जलाया
दुनिया को उसने ही उजला पाया
मत रहना अँखियों के सहारे
जागो मोहन प्यारे...
किरन परी गगरी छलकाये
ज्योत का प्यासा, प्यास बुझाये
फूल बने मन के अंगारे
जागो मोहन प्यारे...
No comments:
Post a Comment