Monday 30 January 2017

# Akhiyon Ko Rehne दे/ अँखियों को रहने दे


चित्रपट / एल्बम : बॉबी (1973)
संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
गीतकार : आनंद बख्शी
गायक  :  लता मंगेशकर

टूट के दिल के टुकड़े टुकड़े हो गए मेरे सीने में
आ गले लगके मर जाएं, क्या रखा है जीने में

अँखियों को रहने दे, अँखियों के आस पास
दूर से दिल की बुझती रहे प्यास

दर्द ज़माने में कम नहीं मिलते
सबको मोहब्बत के ग़म नहीं मिलते
टूटने वाले दिल होते हैं कुछ खास
दूर से दिल की...

रह गई दुनिया में नाम की खुशियाँ
तेरे मेरे किस काम की खुशियाँ
सारी उमर हमको रहना है यूँ उदास
दूर से दिल की...

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