चित्रपट / एल्बम : घर घर की कहानी (1970)
संगीतकार : कल्याणजी आनंदजी
गीतकार : हसरत जयपुरी
गायक :किशोर कुमार
समा है सुहाना सुहाना, नशे में जहां है
किसी को किसी की खबर ही कहाँ है
हर दिल में देखो, मोहब्बत जवां है
कह रही है नज़र, नज़र से अफ़साने
हो रहा है असर के जिसको दिल जाने
देखो ये दिल की अजब दास्ताँ है
नज़र बोलती है, दिल बेज़ुबां है
समां है सुहाना सुहाना...
हो गया है मिलन, दिलों का मस्ताना
हो गया है कोई किसी का दीवाना
जहाँ दिलरुबा है, दिल भी वहाँ है
जिसे प्यार कहिये, वही दरमियाँ है
समां है सुहाना सुहाना...
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