चित्रपट / एल्बम : लव इन टोक्यो (1966)
संगीतकार : शंकर जयिकशन
गीतकार :हसरत जयपुरी
गायक एवं गायिका : मो.रफ़ी, लता मंगेशकर
ओ मेरे शाह-ए-खूबाँ, ओ मेरी जान-ए-जनाना
तुम मेरे पास होते हो, कोई दूसरा नहीं होता
कब खयालों की धूप ढलती है
हर क़दम पर शमा सी जलती है
मेरा साया जिधर भी जाता है
तेरी तसवीर साथ चलती है
ओ मेरे शाह-ए-खूबाँ...
तुम हो सहरा में, तुम गुलिस्ताँ में
तुम हो ज़र्रों में, तुम बियाबां में
मैंने तुमको कहाँ-कहाँ देखा
छुपके रहते हो तुम रग-ए-जाँ में
ओ मेरे शाह-ए-खूबाँ...
मेरी आँखों की जुस्तजू तुम हो
इल्तजा तुम हो, आरज़ू तुम हो
मैं किसी और को तो क्या जानूं
मेरी उल्फ़त की आबरू तुम हो
ओ मेरे शाह-ए-खूबाँ...
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