चित्रपट / एल्बम :हसीना मान जाएगी (1968)
संगीतकार : कल्याणजी-आनंदजी
गीतकार : प्रकाश महरा
गायक : मो.रफ़ी
चले थे साथ मिल के, चलेंगे साथ मिलकर
तुम्हें रुकना पड़ेगा, मेरी आवाज़ सुनकर
चले थे साथ मिल के...
हमारी जान लेंगी, तुम्हारी ये अदायें
हमें जीने ना देंगी, तुम्हारी ये निगाहें
समझ लो बात दिल की, तुम्हे देंगे दुआएं
चले थे साथ मिल के...
बड़ा प्यासा है ये दिल, इसे मदहोश कर दो
भड़क उठे हैं शोले, इन्हें खामोश कर दो
हमारा होश ले लो, हमें बेहोश कर दो
चले थे साथ मिल के...
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