चित्रपट / एल्बम : अभिलाषा (1968)
संगीतकार : आर.डी.बर्मन
गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी
गायक एवं गायिका : मो.रफ़ी, लता मंगेशकर
वादियाँ मेरा दामन, रास्तें मेरी बाहें
जाओ मेरे सिवा तुम कहाँ जाओगे
जब चुराओगे तन तुम किसी बात से
शाख-ए-गुल छेड़ देगी मेरे हाथ से
अपनी ही ज़ुल्फ़ को और उलझाओगे
वादियाँ मेरा दामन...
जबसे मिलने लगी तुमसे राहें मेरी
चाँद सूरज बनी दो निगाहें मेरी
तुम कहीं भी रहो, तुम नज़र आओगे
वादियाँ मेरा दामन...
जब हँसेगी कली, रंगवाली कोई
और झुक जायेगी तुमपे डाली कोई
सर झुकाये हुये, तुम मुझे पाओगे
वादियाँ मेरा दामन...
चल रहे हो जहाँ, इस नज़र से परे
वो डगर तो गुजरती है, दिल से मेरे
डगमगाते हुये तुम यहीं आओगे
वादियाँ मेरा दामन...
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