Tuesday 31 January 2017

# Humsafar Mere Humsafar/ हमसफ़र मेरे हमसफ़र



चित्रपट / एल्बम : पूर्णिमा (1965)
संगीतकार : जी.एस.कोहली
गीतकार : अनजान
गायक एवं गायिका  : मुकेश, लता मंगेशकर

हमसफ़र मेरे हमसफ़र, पंख तुम परवाज़ हम
ज़िन्दगी का साज़ हो तुम, साज़ की आवाज़ हम
हमसफ़र मेरे हमसफ़र, पंख तुम परवाज़ हम
ज़िन्दगी का गीत हो तुम, गीत का अंदाज़ हम

आँख ने शरमा के कह दी
दिल के शरमाने की बात
एक दीवाने ने सुन ली
दूजे दीवाने की बात
प्यार की तुम इम्तेहां हो
प्यार का आग़ाज़ हम
हमसफर मेरे हमसफर...

ज़िक्र हो जब आसमाँ का
या ज़मीं की बात हो
ख़त्म होती है तुम्हीं पर
अब कहीं की बात हो
हो हसीं तुम, महजबीं तुम
नाज़नीं तुम, नाज़ हम
हमसफर मेरे हमसफर...

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