Monday 30 January 2017

# Tum Kamsin Ho / तुम कमसिन हो


चित्रपट / एल्बम : आई मिलन की बेला (1964)
संगतकार : शंकर जयकिशन
गीतकार : हसरत जयपुरी
गायक :  मो.रफ़ी

तुम कमसिन हो, नादाँ हो, नाज़ुक हो, भोली हो
सोचता हूँ मैं कि तुम्हें प्यार ना करूँ

मदहोश अदा ये अल्हड़पन
बचपन तो अभी रूठा ही नहीं
एहसास है क्या और क्या है तड़प
इस सोच में दिल डूबा ही नहीं
तुम कमसिन हो...

तुम आहें भरो और शिकवे करो
ये बात हमें मंज़ूर नहीं
तुम तारे गिनो और नींद उड़े
वो रात हमें मंज़ूर नहीं
तुम कमसिन हो...

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