चित्रपट / एल्बम : साथी (1968)
संगीतकार : नौशाद अली
गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी
गायक एवं गायिका : मुकेश, सुमन कल्यानपुर
मेरा प्यार भी तू है, ये बहार भी तू है
तू ही नज़रों में जान-ए-तमन्ना, तू ही नज़ारों में
तू ही तो मेरा नील गगन है, प्यार से रोशन आँख उठाये
और घटा के रूप में तू है, काँधे पे मेरे सर को झुकाये
मुझपे लटें बिखराये
मेरा प्यार भी तू है...
मंज़िल मेरे दिल की वहीँ है, साया जहाँ दिलदार है तेरा
परबत परबत तेरी बाहें, गुलशन गुलशन प्यार है तेरा
महके है आँचल मेरा
मेरा प्यार भी तू है...
जागी नज़र का ख्वाब है जैसे, देख मिलन का दिन ये सुहाना
आँख तो तेरे जलवों में गुम है, देखूँ तुझे या देखूँ जमाना
बेखुद है दीवाना
मेरा प्यार भी तू है...
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