चित्रपट / एल्बम : ताज महल (1963)
संगीतकार : रोशन
गीतकार : साहिर लुधियानवी
गायक एवं गायिका :मो.रफ़ी, लता मंगेशकर
पाँव छू लेने दो फूलों को इनायत होगी
वरना हमको नहीं, इनको भी शिकायत होगी
आप जो फूल बिछाए, उन्हें हम ठुकराएँ
हमको डर है, के ये तौहीन-ए-मोहब्बत होगी
दिल की बेचैन उमंगो पे करम फरमाओ
इतना रुक रुक, के चलोगी तो क़यामत होगी
पाँव छू लेने दो...
शर्म रोके हैं इधर, शौक उधर खेंचे हैं
क्या खबर थी, कभी इस दिल की ये हालात होगी
शर्म गैरों से हुआ करती है अपनों से नहीं
शर्म हमसे भी करोगी तो मुसीबत होगी
पाँव छू लेने दो...
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