Monday 30 January 2017

# Tu Maike Mat Jaiyo /तू मइके मत जइयो


चित्रपट / एल्बम : पुकार (1983)
संगीतकार : आर.डी.बर्मन
गीतकार : गुलशन बावरा
गायक  : अमिताभ बच्चन

तू मइके मत जइयो, मत जइयो मेरी जान
मत जइयो मेरी जान, तू मइके मत जइयो

जनवरी, फ़रवरी
जनवरी फ़रवरी के दो महीने लगती है मुझको सर्दी
तू क्या जाने, तू क्या जाने
तू क्या जाने सर्दी ने जो हालत पतली कर दी
तू मइके मत जइयो...

मार्च, अप्रैल में बहार कुछ ऐसे झूम के आये (कैसे?)
देख के तेरा, देख के तेरा
देख के तेरा गदरा बदन हाय जी मेरा ललचाये
तू मइके मत जइयो...

मई और जून का आता है जब रंगों भरा महीना
देख तेरा मलमल का कुरता, अरे छूटे मेरा पसीना
तू मइके मत जइयो...

जुलाई, अगस्त में सावन ऐसे रिमझिम रिमझिम बरसे

बन्द कमरे में, बन्द कमरे में!
बन्द कमरे में बैठेंगे हम निकलेंगे न घर से
तू मइके मत जइयो...

सेप्तम्बर, अक्तूबर का मौसम होता है प्यारा
सुनो मेरे लम्बू रे, सुनो मेरे मितवा
सुनो मेरा साथी रे
ऐसे में मैं, ऐसे में मैं
ऐसे में मैं रहूँ अकेला ये नहीं मुझे गंवारा
तू मइके मत जइयो...

हाय नवम्बर और दिसम्बर का तू पूछ न हाल
सच तो ये है, सच तो ये है
सच तो ये है पगली हम न बिछड़ें पूरा साल
तू मइके मत जइयो...

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