Monday 30 January 2017

# Bekhudi Mein Sanam /बेखुदी में सनम


चित्रपट / एल्बम :हसीना मान जाएगी (1968)
संगीतकार :  कल्याणजी-आनंदजी
गीतकार :  प्रकाश महरा
गायक  एवं गायिका : मो.रफ़ी, लता मंगेशकर


बेखुदी में सनम, उठ गये जो कदम
आ गये, आ गये, आ गये पास हम

आग ये कैसी मन में लगी है, मन से बढ़ी तो तन में लगी है
आग नहीं ये दिल की लगी है, जितनी बुझाई उतनी जली है
दिल की लगी ना हो तो क्या ज़िन्दगी है
साथ हम जो चले, मिट गये फ़ासले
आ गये, आ गये...

खोई नज़र थी, सोये नज़ारे, देखा तुम्हें तो जागे ये सारे
दिल ने किये जो दिल को इशारे, मिल के चले हम साथ तुम्हारे
आज खुशी से मेरा दिल ये पुकारे
तेरा दामन मिला, प्यार मेरा खिला
आ गये, आ गये...

दिल की कहानी पहुची ज़ुबां तक, किस को खबर अब पहुंचे कहाँ तक
प्यार के राही आये यहाँ तक, जायेंगे दिल की हद है जहाँ तक
तुम साथ दो तो चले हम आसमां तक
दिल में अरमां लिए, लाख तूफां लिए
आ गये, आ गये...

No comments:

Post a Comment