चित्रपट / एल्बम : लीडर (1964)
संगतकार : नौशाद अली
गीतकार : शकील बदायुनी
गायक : मो.रफ़ी
मुझे दुनिया वालों, शराबी ना समझो
मैं पीता नहीं हूँ, पिलाई गई है
जहाँ बेखुदी में कदम लड़खड़ाये
वो ही राह मुझको दिखाई गई है
नशे में हूँ लेकीन, मुझे ये खबर है
के इस ज़िन्दगी में सभी पी रहे हैं
किसी को मिले हैं छलकते प्याले
किसी को नजर से पिलाई गई है
मुझे दुनिया वालों...
किसी को नशा है, जहां में खुशी का
किसी को नशा है, गम-ए-ज़िन्दगी का
कोई पी रहा है, लहू आदमी का
हर इक दिल में मस्ती रचाई गई है
मुझे दुनिया वालों...
ज़माने के यारों, चलन हैं निराले
यहा तन हैं उजले, मगर दिल हैं काले
ये दुनिया है दुनिया, यहाँ मालोज़र में
दिलों की खराबी छुपाई गई है
मुझे दुनिया वालों...
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