चित्रपट / एल्बम : दिल ने पुकारा (1967)
संगीतकार : कल्याणजी आनंदजी
गीतकार :इन्दीवर
गायक एवं गायिका : मुकेश
वक्त करता जो वफ़ा, आप हमारे होते
हम भी औरों की तरह आप को प्यारे होते
अपनी तकदीर में पहले ही से कुछ तो गम हैं
और कुछ आपकी फितरत में वफ़ा भी कम है
वरना जीती हुई बाजी तो न हारे होते
वक्त करता जो वफ़ा...
हम भी प्यासे हैं ये साकी को बता भी ना सके
सामने जाम था और जाम उठा भी न सके
काश हम गैरते महफ़िल के न मारे होते
वक्त करता जो वफ़ा...
दम घुटा जाता है सीने में फिर भी ज़िंदा हैं
तुमसे क्या, हम तो ज़िन्दगी से भी शरमिंदा हैं
मर ही जाते ना जो यादों के सहारे होते
वक्त करता जो वफ़ा...
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