चित्रपट / एल्बम : दो रास्ते (1969)
संगीतकार : लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
गीतकार : आनंद बख्शी
गायक : मोहम्मद रफ़ी ,लता मंगेशकर
छुप गए सारे नज़ारे, ओए क्या बात हो गयी
तूने काजल लगाया, दिन में रात हो गई
मिल गये नैना से नैना, ओए क्या बात हो गई
दिल ने दिल को पुकारा, मुलाक़ात हो गई
कल नहीं आना, मुझे ना बुलाना
कि मारेगा ताना ज़माना
तेरे होठों पे रात ये बहाना था
गोरी तुझको तो आज नहीं आना था
तू चली आई दुहाई, ओए क्या बात हो गई
मैंने छोड़ा ज़माना, तेरे साथ हो गई
तूने काजल लगाया...
अम्बवा की डाली पे गाए मतवाली
कोयलिया काली निराली
सावन आने का कुछ मतलब होगा
बादल छाने का कोई सबब होगा
रिमझिम छाए घटाएँ, ओए क्या बात हो गई
तेरी चुनरी लहराई, बरसात हो गई
दिल ने दिल को...
छोड़ ना बैयाँ, पडूँ तेरे पईयां
तारों की छैय्याँ में सईयाँ
इक वो दिन था मिलाती ना थी तू अँखियाँ
इक ये दिन तू जागे सारी-सारी रतियाँ
बन गयी गोरी चकोरी, ओए क्या बात हो गई
जिसका डर था बेदर्दी, वही बात हो गई
छुप गये सारे नज़ारे...
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