Tuesday 24 January 2017

# Lal Chhadi Maidan Khadi / लाल छड़ी मैदान खड़ी

चित्रपट / एल्बम : जानवर (१९६५)
संगीतकार : शंकर जयकिशन
गीतकार : शैलेन्द्र
गायक : मोहम्मद रफ़ी

लाल छड़ी मैदान खड़ी
क्या खूब लड़ी, क्या खूब लड़ी
हम दिल से गए हम जां से गए
बस आँख मिली और बात बढ़ी

वो तीखे तीखे दो नैना
उस शोख से आँख मिलाना था
देनी थी क़यामत को दावत
एक आफत से टकराना था
मत पूछो हम पे क्या गुज़री
बिजली सी गिरी और दिल पे पड़ी
हम दिल से गए हम जां से गए
बस आँख मिली और बात बढ़ी
लाल छड़ी मैदान खड़ी

हम को भी ना जाने क्या सूझी
जा पहुँचे उसकी टोली में
हर बात में उसकी था वो असर
जो नहीं बन्दूक की गोली में
अब क्या कीजे, अब क्या होगा
हर एक घड़ी मुश्किल की घड़ी
हम दिल से गए हम जां से गए
बस आँख मिली और बात बढ़ी
लाल छड़ी मैदान खड़ी

तन तनकर ज़ालिम ने अपना
हर तीर निशाने पर मारा
है शुक्र के अब तक ज़िंदा हूँ
मैं दिल का घायल बेचारा
उसे देख के लाल दुपट्टे में
मैंने नाम दिया है लाल छड़ी
हम दिल से गए हम जां से गए
बस आँख मिली और बात बढ़ी
लाल छड़ी मैदान खड़ी 

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